About तथागत गौतम बुद्ध
हम सब गौतम बुद्ध के वंशज और जो मनुष्य न्याय, विद्या से जाने जाते हैं, उन सबके पूज्यनीय गौतम बुद्ध भगवान है। सबको गौतम बुद्ध भगवान जी की उपासना करनी चहिये। प्रत्येक कोरी को भगवान गौतम बुद्ध के चरणकमलों का ध्यान कर ‘‘बुद्धम शरणम गच्छामि’’ का उच्चारण करना चाहिए। प्रत्येक कोरी को अपनी ही उन्नति से संतुष्ट न रहना चाहिए किन्तु स्वजाति बन्धु की उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए। प्रत्येक कोरी को सामाजिक उन्नति के सर्वहितकारी सेवा कार्य करने में अग्रणी रहना चाहिए। प्रत्येक कोरी सामाजिक उन्नति और सर्वहितकारी कार्य में सर्वदा स्वतन्त्र रहें। प्रत्येक कोरी को सामाजिक गुणों का बोध करवा कर उनके तन मन चिंतन में सामाजिक चरित्र का निर्माण करना चाहिए।
मैं कबीर साहेब का वंशज हुँ, कोरी मेरी जाति हैं, समाज के प्रति मेरा दायित्व हैं, समाज उत्थान मेरा धर्म हैं, इन्हीं विचारों के साथ समाज को उन्नत करने की दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील रहना चाहिए। कोरी समाज का मान अपमान, मेरा निज का मान अपमान है इस भाव से समाज हित में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए। कोरी समाज को एक समृद्ध एवं सजग समाज बनाने और एकता के सूत्र में बांधने के लिए सतत् प्रयत्नशील रहना चाहिए। सबसे प्रीतिपूर्वक नमो बुद्धाय, जय कबीर, या जय भीम कह कर अभिवादन करना चाहिए। सर्वहितकारी सेवा कार्य करने और दान करने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए। अज्ञानता का नाश और ज्ञान की वृद्धि करना प्रत्येक कोरी का परम धर्म है। विश्व का कल्याण करना कोरी समाज का मुख्य उद्देश्य है।